Wednesday, October 11, 2023

MOTIVATIONAL

 

अरूणिमा सिन्हा (जन्म: 1989) भारत से राष्ट्रीय स्तर की पूर्व वालीबाल खिलाड़ी तथा एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने वाली पहली भारतीय दिव्यांग हैं। माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय दिव्यांग।


“अगर आप जीवन में सफल नहीं हो सके तो दोष किसी और का नहीं है, आप का ही है”


आप जहाँ पहुँचना चाहते हो, वहां पहुंचने से पहले आप को रूकना बिल्कुल नहीं है।”

Typing

English Typing कैसे सीखे, इंग्लिश Typing का सबसे आसान तरीका

अगर आप भी Google, Whatsapp, Facebook, Govt. Jobs Exam या Computer में Englsih Typing या Hindi Typing करना चाहते हैं, पर आपको नहीं पता Typing कैसे सीखे तो आप बिलकुल सही जगह हैं.

English Typing Kaise Sikhe

English Typing सिखने के लिए आपको सबसे पहले Home Row की Keys हो याद करना होगा. Home Row को याद रखने के लिए आप Letter F अथवा J पर बने उभार की मदद ले सकते हैं. आपको आपके दोनों हाथों के Index Fingers को यहाँ पर रखना होता है. इसके बाद आपके हाथों के बाकी उंगलियां अपने आप Home Row में Fit बैठ जाती हैं.

इसके बाद आपको एक एक करके आपकी उँगलियों को सभी Letters सिखाने होते हैं. इसके लिए आप कैसे सारे Softwares का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे की: Typing Master, Typing Speed, Rapid Typing इत्यादि. आपको प्रतिदिन 4 से 5 घंटे इसकी लगातार Practice करनी होती है.

Typing करते समय कोशिश करें की आप Screen पर की लगातार देखते रहते हैं. आप जितना कम Keyboard की तरफ देखेंगे आप उतनी ही जल्दी एवं Fast Typing करना सीखेंगे. अगर आप बताए गए नियम बारीकी से Follow करते हैं तो आप मात्र 1 Week में English Typing सिख जाते हैं.

English Typing Finger Position

इसके बाद आप बिना Keyboard देखे लिख सकते है. Hindi Typing सीखने से पहले आप English Typing सीख लेते हैं तो यह आपके लिए बेहद फायदेमंद होता है. English Typing सीखने के लिए आपको अपनी Fingers को Keyboard पर नीचें दी गई First Image की तरह रखना होता है.
Home Row for Typing

उसके बाद Second Image तरह आपको Keyboard पर उलब्ध बाकी की Keys को Type करना सीखना होता है.


ऊपर दी गई Images को देखकर आप ये तो समझ गए होंगे की किस Finger से कौन सी Keys Press करनी है, लेकिन सिर्फ समझने से काम नही चलेगा.

इसके लिए आपको ज़्यादा से ज़्यादा Practice करना पड़ता है. English Typing सीखने के लिए आप नीचे दिए गए 3 Methods में से किसी भी तरीके को Use कर सकते हैं:

Step 1: English Typing सीखने के लिए सबसे पहले आप English Typing Keyboard Chart को Download कर लें.

Step 2: इसके बाद इसे Printout कर लें और जहाँ आपका System उसके पीछे इसे दिवाल पर लगा लें. फिर उन Papers पर लिखे शब्दों को देखकर आप Typing सिख सकते हैं.


Step 3: इसके अलावा आप Typing Master Software को Download कर उसपर Practice कर सकते हैं.
सीपीसीटी की टाइपिंग की तैयारी कैसे करे
सीपीसीटी में English और Hindi Typing करना होती है और दोनो में Typing करने के लिए 15-15 मिनट का समय दिया जाता है

CPCT Exam Me Passing Marks या cpct required typing speed

CPCT Typing में English Typing को पास करने के लिए Typing की Speed 30 Word Per Minute होना चाहिए तथा HIndi Typing को पास करने के लिए Typing की Speed 20 Word Per MInute होना चाहिए।

1 - सबसे पहले अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में Typing Master Software को Install करे और उसमे Lesson 1 से लेकर Lesson 12 तक में Typing की Practice करे जिससे आपको  Typing का Basic समझ में आ जाएगा। 

2- Lesson 1 से Lesson 2 तक की Practice कम से कम 10-15 दिन तक करे उसके बाद ही A To Z तक की सभी  Key की Practice करे। 

3 - प्रतिदिन English Typing को कम से कम 3-4 घण्टे अवश्य करे। सबसे पहले English Typing सीखे उसके बाद ही Hindi Typing की Practice करे। 

4 - Typing करने का Time Duration शुरुआत में 1या 2 मिनट ही Select करे तथा उसके बाद धीरे धीरे Typing को 5-10 मिनट के करे।

5- - छोटे-छोटे शब्दो जैसे - The, In , Are, To, And , A, With, Will , This, For, Or, have, Where, You, Our, What ,How,We , Us, आदि की Practice अच्छे से करे जिससे आपकी Typing Speed काफी बढ़ जाएगी

6 - अपनी उंगलियों को Keyboard पर कैसे रखना है इसकी जानकारी Youtube पर देखे।

7 - शुरुआत में टाइपिंग करने में थोड़ी परेशानी जरूर आएगी लेकिन जब आप रोज Typing करोगे तो आपको Typing Speed धीरे धीरे बढ़ने लगेगी।

8 - जब आपकी Typing Speed 25-30 WPM हो जाए तो उसके बाद 15 मिनट तक लगातार Typing करे। इससे आपकी ज्यादा देर तक Type करने की क्षमता बढ़ जाएगी।

9- Typing सीखने के बाद Different Types के Keyboard पर Typing की Practice करे
जैसे - Dell Keboard 500 Rs (Flate समतल )  ProDot Keyboard 250 Rs। 

10 - Google पर Online Typing की Practice करे जहां आपको  Type करने के लिये नए-नए शब्द मिलेंगे। 

1- www.10fastfingers.com
2 - www.indiatyping.com
3- www.Typingtest.com
4 - www.onlinetyping.org etc

SHREE LAXMI COMPUTER

That master key is typing key

ENGLISH The quick brown fox jumps upon right over a lazy dog
🐶🐕
__________
जिस किसी भी स्टूडेंट को इंग्लिश व हिंदी टाइपिंग मैं दिक्कत आरही हैं वो ये माइक्रो सॉफ्ट वर्ड पर प्रेक्टिस करके बड़ा सकता हैं/ बड़ा सकती हैं


सीपीसीटी हिंदी टाइपिंग कैसे करें
Hindi Typing Tips

1 - सबसे पहले आप हिंदी Typing के लिए उस Font को Select करे। जिसमें आप Typing करना चाहते है जैसे - Remington Gail या Inscript। 

2 - जिस Font में Typing करना है उस Font के Typing Chart को Internet से Download करे और अच्छे से समझे। 

3- Typing Chart को  अच्छे से समझने के लिए Youtube पर video देखे। 

4- हिंदी में Typing के लिए Sonma Expert Typing या किसी अन्य Software का उपयोग करे। 

5- हिंदी टाइपिंग की Practice रोज 2-3 घंटे अवश्य करे।

6- हिंदी Typing की शुरुआत छोटे-छोटे अक्षरों जैसे-- क , ख , ग , घ , च , छ ,ज , झ , त थ द ध आदि अक्षरों को अच्छे से Type करना सीखे उसके बाद ही मात्राओं ( इ ,ई , उ ,ऊ ,ए ,ऐ,ओ,औ) वाले शब्दो को Type करे।

7 - बिना मात्रा वाले बढ़े-बढ़े अक्षरों जैसे - कमल,सरस,बतख,मतलब,बरगद,गपशप,अफसर,नमक,नक़ल, सरल,शहर,तरल,वजन,अलग,चल,अमर आदि की Practice करे।

8 - Type करते समय जो शब्द गलत Type हो जाते है उन गलत शब्दो को कॉपी में  लिख ले और उन शब्दो को बार बार Type करे जिससे वो शब्द फिर से गलत Type नही हो।

9 - जब Typing की Speed 20-25 WPM हो जाए उसके बाद बड़े बड़े Paragraph को 10-15 मिनट तक Type करे।

10 - CPCT की Official Website www.cpct.mp.gov.in पर जाए और वहां पर Typing का Mock Test अवश्य दे।  इससे आपको cpct exam kaise hoti hai  उसकी जानकारी हो जाएगी।














SYSTEM OR SOFTWARE

 

सॉफ्टवेयर के प्रकार


हर दिन हम बहुत से अलग अलग प्रकार के सॉफ्टवेयर इस्तिमाल करते है. ये सभी software हमें हमारे कार्यों को सठिक रूप से करने में और साथ ही हमारी efficiency बढ़ाने के लिए काम आती हैं।

जब हम अपना कम्प्यूटर शुरू करते हैं तब MS Windows हमारे सामने होता है, वहीं मोबाइल के खोलते ही Android OS सामने दिखायी पड़ता है. ऐसे ही बहुत से अलग अलग सॉफ़्ट्वेर का दैनिक हम उपयोग करते हैं. 

किसी के लिए भी इतने अलग अलग प्रकार के सॉफ्टवेयर के बारे में समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, ख़ासकर उन लोगों के लिए जिन्हें की टेक्नॉलजी के बारे में उतनी जानकारी नहीं होती. इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम सॉफ्टवेयर के प्रकार को जानेंगे. इससे आपको इन्हें बेहतर रूप से समझने में सुविधा होगी. तो फिर चलिए शुरू करते हैं. 

सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं?
सॉफ्टवेयर तीन प्रकार के होते हैं। हमारे कार्य सैली को आसान करने के लिए और कम समय में करने के लिए इनको बनाया गया है। हर रोज उठते ही हम जरुर एक सॉफ्टवेयर का इस्तमाल करते हैं चाहे वो Whatsapp क्यों ना हो।

अब ये मेरा लेख भी एक Browser software के माध्यम से ही पढ़ रहे हैं। चलिए अब सॉफ्टवेयर के तीन प्रकार के बारे में जानते हैं।


1. System Software
2. Application Software
3. Utility Software

1. सिस्टम सॉफ्टवेयर

System Software वो Software होते हैं जो Computer के Background Process को सँभालता हैं. इसको system software इसलिए कहते हैं क्यूंकि ये System मतलब Computer को चलाने में मदद करत हैं. इनकी मदद से Computer दुसरे Components जैसे Hardware को Operate करने में सख्यम होता जाता है।

आप अपने Computer में जितने भी software install करते हैं वो सभी को यही Program चलाता है. ओर एक बात अगर computer में ये सिस्टम software नहीं होता तो आप कोई भी Application Software को चला नहीं सकते हैं।

जब कोई भी नया Computer ख़रीदा जाता है उसमे पहले System Software को install किया जाता है. जैसे Operating System (Windows 7, Windows 8, MAC, Unix, Android), Language Translator. यह Hardware और User application के बिच में Layer जैसे काम करता है. चलिए जानते हैं।

i. Operating System

OS यह एक System Software है, जो की user मतलब आप के और Computer Hardware के बिच में Interface जैसे काम करता है. इसको Computer का दिल भी कहते हैं. यह एक बहुत ही बड़ा प्रोग्राम है. जिसके कुछ उदाहरण है Windows, Linux and MacOS. Android mobile l, Opreting SYSTEM है.

Market में कुछ गिने चुने IT Companies हैं जो इस प्रकार के SW Develop करती हैं. जैसे Microsoft, Apple और Google. अलग अलग प्रकार के OS हैं real time, distribute, embedded.

ii. Language Translators

assemblers, compilers और interpreters Language translators के Example हैं. इन Programs को Programming Languages के लिए बनाया गया है. EX- C, c++, java, cobol. Compiler को High Level Programming को Execute करने के लिए बनाया गया है।

यह पुरे Program को एक बार में Translate करता है. लेकिन Interpreter Direct translate करता है. Line by Line Code को Execute करता है।

iii. Common Utility Programs

इन Programs को खास तोर पे Computer Devices और Resources लिए बनाए गए हैं. इस Category में जो Programs होते हैं उनके नाम हैं Communication Tools और Disk Formatter।

ये Programs का जादा इस्तमाल Computer Infrastructure के Operations पे होता है. Virus Scanner Program भी एक Utility software का Example है. Trojan और दुसरे Virus से Protection देता है पुरे System

2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर

Application software एक term होता है जिसका इस्तमाल उन softwares के लिए होता है जो की कोई specific काम करने के लिए बने होते हैं।

जैसे की आपको पता है System Software Background Process के उपर ज्यादा ध्यान देते है. किंतु वहीँ Application software specific Task को Perform करते हैं. इनको Problem Solving Software भी कहते हैं. हमारे रोज मर्रा जिंदगी में होने वाले Problems के Solution Application sw द्वारा मिलते हैं।

ये हमारे Needs को पुरे करते हैं. ये सारे Software Operating System द्वारा चलते हैं. आपके computer के desktop पे जितने भी Software दिख रहे हैं वो सभी इस Category में आते हैं. इनको Apps भी बोला जाता है. इनको बस User अपने काम काज के लिए इस्तमाल करता है. इन सॉफ्टवेर को आपको install करने की आवश्यकता है. चलिए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

i. Word Processors

Documents Creation के लिए इनका इस्तमाल किया जाता है. इस category में आने वाले sw का इस्तमाल ज्यादातर Office के काम काज के लिए किया जाते है. MS WORD इस Category का बहतरीन उदहारण है. जिसके जरिये हम document को Edit, Format, Print जैसे task आसानी से कर सकते हैं।

Word Processor Program, Office के काम काज को आसान से आसान और सरल बना दिए है. Documents को Digital Format में Store करने के साथ साथ किसीको भी भेजा भी जा सकते हैं।

ii. Database Software

इस Category के Software से Database को Create करने के लिए और Manage करने के लिए इस्तमाल किया जाता हैं. इनके जरिये Data और Information को हम आसानी से Manage कर सकते हैं. कभी ये software DBMS नाम से भी जाने जाते हैं. इनके कुछ Example हैं -MS Access, Foxpro, Qbase, Oracle and Sysbase.

iii. Multimedia software

इस Category के Software को अलग अलग Media के लिए इस्तमाल किया जाता है. Multimedia मतलब Audio, Video को play करने के लिए जो software होते हैं उन्हें Multimedia Software कहते हैं. Example- VLC, KM Player, Windows Player. Presentation के लिए MS-PowerPoint.

iv. Education and Reference Software

इस category में आने वाले Software को कुछ चीजों को effective तरीके से सिखाने के लिए students के लिए बनाए गए हैं. इनमे कुछ Tutorials Software भी हैं. इनको Academic Software भी कहते हैं. इनके कुछ Example हैं- Forever Growing Garden, ClueFinders titles, Delta Drawing,Fun School.Ultimate Math’s Invaders, My Amazing, 3D Indiana, Bodywork Voyager – Mission in Anatomy, Primal Pictures

v. Graphic software

इनको Graphics के लिए इस्तमाल किया जाता है. इसीलिए इनका नाम Graphics SW है. इन SW का इस्तमाल Visual Images को Edit करने के लिए किया जाता है. ख़ास कर Photo Editing में।

सबसे अच्छा Example है Adobe Photoshop, camtasia, ms paint, Corel. Computers में इनके लिए अलग से Graphics कार्ड की आवश्यकता होती है. इस sw की size भी ज्यादा होती है।

vi. Web Browser

Internet access करने के लिए जिन software’s का इस्तमाल होता है उन्हें web Browser कहते है. WORLD WIDE WEB से files और Resources को access करने के लिए इस्तमाल होते हैं. अलग website से Web Pages को खोलने के लिए इनका इस्तमाल होता है।

यह एक लोक प्रिय Application Software है. Google CHROME, Internet explorer, Mozilla Firefox ये सभी सॉफ्टवेर इस category के sw में आते हैं.

कुछ ओर application SW के Example हैं Enterprise software, spreadsheet software, Information worker software, Simulation software, games।

3. यूटिलिटी सॉफ्टवेयर

Utility software ऐसे softwares को कहा जाता है जो की आपको मदद करें आपके computer को manage, maintain और control करने में. वैसे Operating systems typically ऐसे बहुत से necessary tools पहले से ही pre-installed रखती है, लेकिन separate utility programs के मदद से ये आपको improved functionality प्रदान करती है।

Utility software अक्सर थोड़े technical होते हैं इसलिए इनका इस्तमाल केवल वही ठीक ढंग से कर सकते हैं जिन्हें की सही technical knowledge हो।

अगर आप अपने computer का इस्तमाल केवल e-mail करने के लिए, कुछ Internet browsing या कोई report type करने के लिए करते हैं तब शायद आपको इन utilities की ज्यादा जरुरत न पड़े।

वहीँ अगर आप एक avid computer user हो, तब इन utilities के इस्तमाल से आप अपने system को हमेशा top shape में रख सकते हैं. इसके अलावा ये आपकी समय और space दोनों की बचत कर सकता है।

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर की कुछ कैटिगरीज निम्नलिखित है:

1. फाइल मैनेजमेंट टूल –

विंडोज फाइल एक्सप्लोरर एक ऐसा फाइल मैनेजमेंट टूल है जिसके द्वारा आप किसी भी फाइल को आसानी से ढूंढ सकते हैं और उसे move, copy, डिलीट रिनेम और भी बहुत कुछ कर सकते हैं।

2. कम्प्रेशन टूल (ex. winzip, winrar) –

यह भी एक बहुत महत्वपूर्ण टूल होता है इस टूल के द्वारा आप किसी भी फॉर्मेट की फाइल जैसे कि MP3 MP4, JPg आदि का साइज कम कर सकते हैं और इसे कम साइज के साथ शेयर कर सकते हैं इसके बाद जब भी आप इसे वापस इस्तेमाल करना चाहे तो आप इसे एक्सट्रैक्ट कर सकते हैं।

3. डिस्क क्लीनअप –

यह भी एक महत्वपूर्ण यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का प्रकार है इसके द्वारा अपने सिस्टम में मौजूद किसी भी डिस्क को क्लीन कर सकते हैं, इससे आपके सिस्टम की स्पीड बढ़ती है example:- क्लीनअप ccleaner।

4. डिस्क मैनेजमेंट –

डिस्क मैनेजमेंट यूटिलिटी से आप, अपनी ड्राइव को नए पार्टीशन में sync का कर सकते हैं।

5. बेकअप यूटिलिटी –

बैकअप यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के द्वारा अपने जरूरी फाइलों का बैकअप कर रख सकते हैं. यदि कारणवश आपके द्वारा वह फाइल डिलीट हो जाती है तो आप उन्हें दोबारा से अपने सिस्टम में ला सकते हैं।

6. एंटीवायरस –

एंटीवायरस यूटिलिटी सॉफ्टवेयर होते हैं जो आपके सिस्टम को बाहरी वायरस के हमले से सुरक्षित रखते हैं, माइक्रोसॉफ्ट डिफेंडर नेट प्रोटेक्टर, McAfee, आदि एंटीवायरसओ के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं।

Only Certificate

 All Certificate For Basic Tally Certificate